सोशल मीडिया और मैं आज सोशल मीडिया मेरे लिए एक ऐसा उपयोगी पलैटफोर्म बन गया है जिससे मैं अपने आप को समाज और देश-दुनिया की परीचित घटनाओं के साथ अपडेट रख सकता हूँ। लेकिन पहले ऐसा नही था। जब मैंने पहली बार इसके बारे में सुना तब सबने यही बोला कि , “ भाई, सारे दोस्त हैं इस पर खूब बातें करते हैं सब ” । बस फिर क्या था, मैं भी नए-नए माध्यमों से अपनी “ आई.डी. ” बनाता गया। लेकिन हाँ जाने-अनजाने इसने मेरी पढाई और मनोविज्ञानिक सोच पर असर तो डाला ही है। तभी हमेशा पढाई करने से पहले एक बार तो फेसबुक और वॅटसैप चैक करना आदत सी बन गयी थी। लेकिन आज ऐसा नही है। आज दोस्तों से गपशप करने के साथ-साथ सोशल मीडिया मुझे सामयिक घटनाओं में भी मुझे सक्षम रखता है। पहले टवीटर, ईन्सटाग्राम, ब्लोग, न्यूज ऐप जैसी चीजें । आज चाहे राजनीतिक भड़ास निकालनी हो या किसी फिल्म का प्रमोशन करना हो, सोशल मीडिया को सबसे पहले ही चुना जाता है।
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